ऊंचाई की सरहद दिखती है कितनी। ऊंचाई की सरहद दिखती है कितनी।
याद है मुझे वो दिन आज भी, तुम्हारे वो हाथों की महंदी, वो हवा का तेज़ चलना, ज़ुल्फो क याद है मुझे वो दिन आज भी, तुम्हारे वो हाथों की महंदी, वो हवा का तेज़ चलना,...
धर्म अनेक, ईश्वर भी अनेक फिर कैसे बने वे भाई-भाई? धर्म अनेक, ईश्वर भी अनेक फिर कैसे बने वे भाई-भाई?
मुस्कुराना भी तुमसे है गुनगुनाना भी तुमसे है, जीने का हर बहाना भी तुमसे है ख़ुशी भी मुस्कुराना भी तुमसे है गुनगुनाना भी तुमसे है, जीने का हर बहाना भी तुमसे है...
ममता, प्रेम , दया, छमा, करुणा, आज सब बेकार है। उस अहसास की चिता को तुम आज आग दो, कि ममता, प्रेम , दया, छमा, करुणा, आज सब बेकार है। उस अहसास की चिता को तुम आज आग ...
मुझे अब सब कुछ खोना है मुझे अब सब कुछ पाना है मुझे अब सब कुछ खोना है मुझे अब सब कुछ पाना है